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कोही त चाहिन्छ

Home - कविता-काव्य - कोही त चाहिन्छ
  • विस्मयBy विस्मय
  • July 18, 2024

झगडै गर्न पनि
चाहिन्छ कोही त !

नत्र
जिन्दगीको सन्तुलन
कसरी पो मिल्थ्यो र ?

 

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